तुम मत पूछो, मुझे कितनी मोहब्बत है तुमसे तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें याद करोगे तुम भी कभी किससे दिल लगाया है नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला, अब आइए शे’र के भावार्थ पर प्रकाश डालते हैं। https://hindishayri.godaddysites.com/f/shayari-in-hindi---%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80