दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥ https://shivchalisas.com