सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी https://dantejwmyk.blog-kids.com/29943723/the-2-minute-rule-for-shiv-chalisa-lyrics-english